स्वामी विवेकानन्दजी के अधिकांश ग्रन्थ वक्तृता के रूप में हैं; लेखों के रूप में बहुत कम हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनके एक अंग्रेजी पत्र का अनुवाद है। उनके अमेरिका जाने के लगभग एक साल बाद मद्रासनिवासियों ने एक विराट सभा का आयोजन किया जिसके अन्तर्गत उन्होंने स्वामीजी के अमेरिका में हिन्दू धर्म — प्रचारकार्य की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की और इस कार्य में उनकी असाधारण सफलता पर हर्ष मनाया। साथ ही उन्होंने स्वामीजी के पास अमेरिका में एक श्रद्धापूर्ण अभिनन्दन पत्र भी भेजा। उस अभिनन्दन पत्र के उत्तर में स्वामीजी ने प्राचीन और आधुनिक शास्त्रों तथा सम्प्रदायों के संक्षेप में विश्लेषण करते हुए हिन्दू धर्म के यथार्थ स्वरूप का विवरण किया और भगवान् श्रीरामकृष्ण के शिष्यगणों द्वारा प्रचारित तत्वों के साथ उसके सामञ्जस्य का दिग्दर्शन कराते हुए भारतवासियों को इसी सनातन धर्म के प्रचारार्थ कटिबद्ध हो जाने तथा त्यागव्रत धारण करने के निमित्त जो पाण्डित्य, अभिज्ञता तथा उद्दीपनापूर्ण एक विस्तृत पत्र भेजा था, उसी का यह हिन्दी अनुवाद है।