इस पुस्तक में लेखक आलोचना के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करते हैं। वे बताते हैं कि आलोचना से व्यक्ति का आत्मविश्वास कम होता है और वह सुधार के लिए प्रेरित नहीं होता। इसके बजाय, उसे आलोचना से घबराहट और डर महसूस होता है। लेखक आलोचना के बजाय सकारात्मक प्रतिक्रिया देने पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि सकारात्मक प्रतिक्रिया से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह सुधार के लिए प्रेरित होता है। पुस्तक के मुख्य बिंदु: • आलोचना से व्यक्ति का आत्मविश्वास कम होता है। • आलोचना से व्यक्ति सुधार के लिए प्रेरित नहीं होता। • सकारात्मक प्रतिक्रिया से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। • सकारात्मक प्रतिक्रिया से व्यक्ति सुधार के लिए प्रेरित होता है।